Bollywood और कॉन्ट्रोवर्सी का रिश्ता तो जैसे जन्म-जन्म का है। इस बार सुर्खियों में है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आधारित फिल्म “Ajay: The Untold Story”—जो सीधा-सीधा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर बेस्ड है। जैसे ही फिल्म रिलीज़ के करीब पहुंची, हाईकोर्ट में किसी ने याचिका दायर की। लफड़ा ये कि फिल्म कहीं लोगों की सोच को पॉलिटिकल तरीके से घुमा न दे।
अब मजेदार बात सुन—कोर्ट ने अभी तक कुछ फाइनल नहीं बोला है। जज साहब खुद थिएटर में पॉपकॉर्न लेकर फिल्म देखेंगे और फिर डिसाइड करेंगे कि रिलीज़ की इजाजत दें या रोक लगाएं। ये फैसला बस इस एक फिल्म के लिए नहीं, बल्कि आने वाली बायोपिक्स की किस्मत भी बदल सकता है। सोचो, कल को कोई और नेता या सेलिब्रिटी बायोपिक बनेगी तो सबकी सांसें अटक जाएंगी।
“Bollywood Biopic Ban या Boom: कोर्ट के फैसले से इंडस्ट्री पर क्या असर होगा?”
बॉलीवुड में बायोपिक हमेशा दर्शकों को आकर्षित करती रही हैं। अगर कोर्ट ने फिल्म को हरी झंडी दी, तो यह बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर सकती है। वहीं अगर रोक लगती है, तो यह इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका होगा और आने वाले क्रिएटिव मेकर्स को भी और सतर्क रहना पड़ेगा।
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Bollywood में Creative Freedom vs Censorship: आर्टिस्ट की आज़ादी या सेंसर की पाबंदी?
ये सिर्फ एक फिल्म का मामला नहीं है। असली झगड़ा तो ये है कि आर्टिस्ट्स को फुल आज़ादी मिले या फिर पॉलिटिकल सेंसेटिविटी के नाम पर उनके हाथ बांध दिए जाएं? क्या क्रिएटिव फ्रीडम एक हद तक ही ठीक है या फिर हर चीज़ पर सेंसर शब्द लिखा होना चाहिए? भाई, सवाल बड़े हैं, जवाब सबके अपने-अपने।